सावन का पहला मां मंगला गौरी व्रत आज, अखंड सौभाग्य के लिए है यह व्रत, बन रहे हैं ये तीन खास योग

सावन का पहला मां मंगला गौरी व्रत आज, अखंड सौभाग्य के लिए है यह व्रत, बन रहे हैं ये तीन खास योग



डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन माह के हर दिन का विशेष महत्व माना जाता है, आज मंगलवार है और इस दिन का भी विशेष होता है। इस पावन माह में हर मंगलवार को मां मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है। सभी विवाहित महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए देवी पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं। सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज यानी 19 जुलाई को मनाया जा रहा है। इस दिन तीन शुभ योग भी बन रहे हैं जिससे इस व्रत की महत्ता और बढ़ गई है।

सावन मंगला गौरी व्रत 2022

19 जुलाई- पहला मंगला गौरी व्रत
26 जुलाई- दूसरा मंगला गौरी व्रत
02 अगस्त- तीसरा मंगला गौरी व्रत
09 अगस्त- चौथा मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत 2022 योग

सिद्धि योग-19 जुलाई 5.35 am से 12.12 pm तक
रवि योग- 19 जुलाई 05.35 am से  12.12 pm तक
सुकर्मा योग- 19 जुलाई 01.44 am  से शुरू होकर पूरी रात

क्यों किया जाता है मंगला गौरी व्रत
इस व्रत को  सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और घर की सुख-शांति के लिए करती हैं। इस दिन देवी पार्वती की पूजा की जाती है। कुंवारी कन्याएं अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत को करती है। कहा जाता है, कि मंगला गौरी व्रत करने से संतान से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं। इन सभी के साथ ही शुभ योग में देवी पार्वती की पूजा से हर कार्य सिद्ध हो जाते हैं।

मंगला गौरी व्रत पूजन विधि
सुबह जलदी उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर  व्रत का संकल्प लें। इस के बाद घर के मन्दिर में साफ सफाई के बाद चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछा लें और उस पर मां मंगला गौरी की फोटो रखे। मां पार्वती को कुमकुम, सिंदूर, लाल पुष्प,  इत्र, चावल, धूप, दीप, नैवेद्य, लौंग, इलायची, नारियल, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाए। अब मां मंगला गौरी की कथा पढ़ें और फिर आरती कर शाम के व्रत का पारण करें। 
 



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